चार आश्रम -ब्रह्मचर्य, गृहस्थ, वानप्रस्थ, संन्यास ।
चार वेद -ऋग्वेद, यजुर्वेद, सामवेद, अथर्ववेद ।
चार वेद -ऋग्वेद, यजुर्वेद, सामवेद, अथर्ववेद ।
चार वर्ण -ब्राह्मण, क्षत्रिय, वैश्य, शुद्र ।
चार पुरषार्थ -धर्म, अर्थ, काम, मोक्ष ।
चार मठ -द्वारिका-शारदामठ, बद्रीनाथ-ज्योतिर्मठ, पुरी-गोवर्धनमठ, श्रृंगेरी-श्रृंगेरीमठ ।
चार मठ -द्वारिका-शारदामठ, बद्रीनाथ-ज्योतिर्मठ, पुरी-गोवर्धनमठ, श्रृंगेरी-श्रृंगेरीमठ ।
चार धाम -बद्रीनाथ, जगन्नाथपुरी, रामेश्वरम, द्वारिका ।
षड दर्शन -साँख्या, योग, मीमांसा, न्याय, वेदान्त, वैशेषिक ।
छः ऋतुएँ -वसन्त, ग्रीष्म, वर्षा, शरद, हेमन्त, शिशिर ।
नौ ग्रह -रवि, चन्द्रमा, मंगल, बुध, गुरु, शुक्र, शनि, राहु, केतु ।
सप्तर्षि -अत्रि, वशिष्ठ, भृगु, अंगिरस, भारद्वाज, विश्वामित्र, गौतम ।
सात वार -सोम, मंगल, बुध, गुरु, शुक्र, शनि, रवि ।
सात वार -सोम, मंगल, बुध, गुरु, शुक्र, शनि, रवि ।
दस दिशाएँ -ईशान, पुर्व, आग्नेय, दक्षिण, नैऋत्य, पश्चिम, वायव्य, उत्तर, आकाश, पाताल उपनिषद -ईश, कठ, केन, प्रश्न, मुण्डक, माण्डूक्य, तैतरीय, ऎतरेय, छान्दोग्य, वृहदारण्यक।
अठारह पुराण -मत्स्य, मार्कण्डेय, भविष्य, भागवत, ब्रह्माण्ड, ब्रह्मवैवर्त, ब्राह्म, वामन, वराह, विष्णु,वायु,अग्नि, पद्म, लिंग, गरुड़, कुर्म, स्कन्ध ।
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