ज्ञानी कहतें है इस जीवन से अंधकार हटाना व्यर्थ
है, क्योंकि अंधकार हटाया नहीं जा सकता. जो यह जानते हैं, वे अंधकार को
नहीं हटाते, वरन् प्रकाश को जलाते हैं.परभु को पाने की आकांक्षा से अपने आप
को भरो, तो पाप अपने से छूट जाते हैं. और, पापों से ही लड़ते रहते हैं, वे
उनमें ही और गहरे धंसते जाते हैं. जीवन को आरोहण दो, निषेधात्मक पलायन
नहीं. सफलता का स्वर्ण सूत्र यही है.
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