बजरंगबली नाम के पीछे भी वज्र शब्द का योगदान
है। संस्कृत में एक शब्द है वज्रः या वज्रम् जिसका अर्थ है बिजली, इन्द्र
का शस्त्र , हीरा अथवा इस्पात। इससे ही हिन्दी का वज्र शब्द बना है। इन्द्र
के पास जो वज्र था वह महर्षि दधीचि की हडि्डयों से बना
था। हनुमान वानरराज केसरी और अंजनी के पुत्र थे। केसरी को ऋषि-मुनियों ने
अत्यंत बलशाली और सेवाभावी संतान होने का आशीर्वाद दिया। इसीलिए हनुमान का
शरीर लोहे के समान कठोर था। इसीलिए उन्हें वज्रांग कहा जाने लगा। अत्यंत
शक्तिशाली होने से वज्रांग के साथ बली शब्द जुड़कर उनका नाम हो गया
वज्रांगबली जो बोलचाल की भाषा में बना बजरंगबली।
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