आज का सुविचार :-
* अपने चरित्र में सुधार करने का प्रयास करते हुए, इस बात को समझें कि क्या काम आपके बूते का है और क्या आपके बूते से बाहर है।
* जो व्यक्ति दूसरों को अधिक परखता है और हर समय उनकी कमियां निकलता रहता है वह अहंकारी दरअसल हीन भावना से ग्रसित है और स्वयं कमियों से भरा हुआ होता है । परखना है तो स्वयं की कमियों का निरिषण करे और उसको सुधारने का प्रयत्न करे तो जीवन में प्रसन्नता, सुख और यश की निश्चित प्राप्ति होगी ।
* श्रेष्ठ व्यक्ति बोलने में संयमी होता है लेकिन अपने कार्यों में अग्रणी होता है।
* अपनी सामर्थ्य का पूर्ण विकास न करना दुनिया में सबसे बड़ा अपराध है । जब आप अपनी पूर्ण क्षमता के साथ कार्य निष्पादन करते हैं, तब आप दूसरों की सहायता करते हैं।
* अपने चरित्र में सुधार करने का प्रयास करते हुए, इस बात को समझें कि क्या काम आपके बूते का है और क्या आपके बूते से बाहर है।
* जो व्यक्ति दूसरों को अधिक परखता है और हर समय उनकी कमियां निकलता रहता है वह अहंकारी दरअसल हीन भावना से ग्रसित है और स्वयं कमियों से भरा हुआ होता है । परखना है तो स्वयं की कमियों का निरिषण करे और उसको सुधारने का प्रयत्न करे तो जीवन में प्रसन्नता, सुख और यश की निश्चित प्राप्ति होगी ।
* श्रेष्ठ व्यक्ति बोलने में संयमी होता है लेकिन अपने कार्यों में अग्रणी होता है।
* अपनी सामर्थ्य का पूर्ण विकास न करना दुनिया में सबसे बड़ा अपराध है । जब आप अपनी पूर्ण क्षमता के साथ कार्य निष्पादन करते हैं, तब आप दूसरों की सहायता करते हैं।
No comments:
Post a Comment