आज समय की मांग है की हर मानव तक सर्व श्रेष्ठ
सनातन धर्म का दर्शन पहुँचाने की आवश्यकता है । अन्य लोगों को भी सत्पथ पर
लाना धर्म का ही अंग है । हमें दोतरफा काम करना होगा । एक तरफ हमें सत्य
के नाम पर जो असत्य का प्रचार हो रहा है उसकी असलियत लोगों तक पहुंचानी
होगी । दूसरी तरफ लोगों को सत्य मार्ग पर चलने के लिए प्रोत्साहित करना
होगा । यह सही है कि हिंदुत्व को समझना हर किसी के लिए संभव नहीं है ,
लेकिन हमारा कर्तव्य है कि जो लोग भटके हुए हैं उन तक सही मार्ग की जानकारी
पहुंचाएं । जिस दिन सारा विश्व हिंदुत्व को समझने लगेगा, मानने लगेगा ,
उसी दिन ऋषियों का स्वप्न -"कुर्वन्तु विश्वम आर्यम " पूर्ण होगा । और यह
होगा , इसे कोई रोक नहीं सकता है।
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