Wednesday, October 10, 2012

यदि आप प्रातः जल्दी उठ पातें हैं तो भोर में उठकर प्रार्थना करने और अपने इष्ट को धन्यवाद देने का संस्कार डाल लें।

आज के दिन जागकर मैं धन्य हूँ कि मैं जीवित और सुरक्षित हूँ, मेरा जीवन अनमोल है, मैं इसका सही उपयोग करूँगा। अपनी समस्त ऊर्जा को मैं आत्मविकास में लगाऊँगा, अपने ह्रदय को दूसरों के लिए खोलूँगा, सभी जीवों के कल्याण के लिए काम करूँगा, दूसरों के प्रति मन में अच्छे विचार रखूँगा, किसी से नाराज़ नहीं होऊंगा और किसी का बुरा नहीं सोचूंगा, दूसरों का जितना हित कर सकता हूँ उतना हित करूँगा।

आप एक शानदार दिन की शुरुआत होते देख सकते हैं।

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