.
मुख्य पृष्ठ
जीवन मंत्र
ब्रह्म चैतन्य
श्रीमद्भगवद्गीता
अनमोल वचन
अभिमान न करे
रस रंग
सुस्वागतम
widget
Wednesday, October 10, 2012
जागरण का तात्पर्य है सावधान और सचेत रहना। हमें अपने परिवेश और स्वयं के प्रति सचेत रहना चाहिए। इसी से जागरूकता आती है। जागरूकता के अभाव में हम कर्तव्यों से मुंह चुराते रहेंगे।
No comments:
Post a Comment
Newer Post
Older Post
Home
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment