ऊँचे आसान पर खड़े होकर और अपने हाथ में दो पैसे लेकर यह मत कहो " ऐ भिखारी , ले , यह मैं तुझे देता हूँ " । परन्तु तुम स्वयं इस बात के लिए कृतज्ञ होओ की तुम्हें वह निर्धन व्यक्ति मिला , जिसे दान देकर तुमने स्वयं अपना उपकार किया । धन्य पाने वाला नहीं होता , देने वाला होता है ।
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