.
मुख्य पृष्ठ
जीवन मंत्र
ब्रह्म चैतन्य
श्रीमद्भगवद्गीता
अनमोल वचन
अभिमान न करे
रस रंग
सुस्वागतम
widget
Friday, July 13, 2012
संसार
हमें यह ध्यान रखना चाहिए की हम इस संसार के ऋणी हैं , संसार हमारा ऋणी नहीं है
। यह तो हमारा सौभाग्य है की हमें संसार में कुछ कार्य करने का अवसर मिलता है
। संसार की सहायता करने से हम वास्तव में स्वयं अपना ही कल्याण करतें हैं
।
No comments:
Post a Comment
Newer Post
Older Post
Home
View mobile version
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment