हमेशा याद रखो आँखें दो होती है और कान भी दो , परन्तु मुख एक ही होता है । सभी बड़े बड़े कार्य प्रबल विघ्नों के मध्य ही हुए होतें हैं । हे वीर , अपने पौरुष का स्मरण करो , कामकांचनासक्त दयनीय लोगों की उपेक्षा ही उचित है ।
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