Wednesday, July 11, 2012

विवेकानंद


भुक्तिमुक्ति कृपाकटाक्ष प्रेक्षणमघदल विदलन दक्षम !
बाल चंद्रधर मिन्दु वन्द्य मिह  नौमी गुरु विवेकानान्दम !!

जिनकी कृपा दृष्टि से भोग और मोक्ष दोनों प्राप्त होतें हैं , जो पाप समूह का विनाश करनें में निपुण हैं , जो मस्तक पर चन्द्रकला धारण करने वाले शिव स्वरुप हैं एवं इंदु (कवि ) के वन्दनीय हैं , उन गुरु विवेकानंद को मैं प्रणाम करता हूँ !

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