Wednesday, August 29, 2012

सब धनी हैं! सबकी गठरी लाल है। बस, उस गठरी को खोलना नहीं जानते हैं- 'इस विधि भयो कंगाल।' यानी इसी वजह से कंगाल के कंगाल रह गए। कुछ नहीं हाथ लगा।

इस संसार के अंदर आए, जो खोजा, वह मिला भी। ज्ञान खोजा, तो ज्ञान मिला। और फिर क्या हो जाता है मनुष्य के साथ? फिर वह छोटी-छोटी बातों में खो जाता है। कोई भी व्यक्ति खो देने के लिए ज्ञान को नहीं पाता है। ज्ञान को पाने का अर्थ है अपने आपको पाना, अपने आपको समझना, अपने अंदर स्थित उस शांति का अनुभव करना, अपने अंदर स्थित उस परमात्मा का अनुभव करना। यही असली बात है।

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