.
(Move to ...)
मुख्य पृष्ठ
जीवन मंत्र
ब्रह्म चैतन्य
श्रीमद्भगवद्गीता
अनमोल वचन
अभिमान न करे
रस रंग
▼
Friday, July 13, 2012
आत्म संयम
उदास रहना कदापि धर्म नहीं है , चाहें वह और कुछ भले ही हो
। प्रफुल्ल चित्त तथा हंसमुख रहने से तुम ईश्वर के अधिक समीप पहुँच जाओगे
।
No comments:
Post a Comment
‹
›
Home
View web version
No comments:
Post a Comment